राजस्थान सरकार ने प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर और स्वरोजगार के अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्योग प्रोत्साहन योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना के तहत राज्य के शिक्षित और बेरोजगार युवाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी, ताकि वे अपना खुद का उद्योग शुरू कर रोजगार सृजन कर सकें।
योजना की शुरुआत और विस्तार
मुख्यमंत्री युवा उद्योग प्रोत्साहन योजना की शुरुआत पहली बार वर्ष 2023 में हुई थी। अब 2025 में इसे और व्यापक रूप देकर अधिक युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के स्थायी निवासी युवाओं को मिलेगा।
पात्रता शर्तें क्या होंगी
इस योजना के लिए आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष तय की गई है। इसके साथ ही आवेदक के पास स्नातक की डिग्री होना आवश्यक है। योजना का फायदा केवल नए उद्योग की स्थापना के लिए मिलेगा। पुराने उद्योगों के विस्तार या आधुनिकीकरण के लिए इसमें सहायता उपलब्ध नहीं होगी।
युवाओं को मिलेगा आसान ऋण और ब्याज सब्सिडी
राजस्थान सरकार इस योजना के तहत युवाओं को अधिकतम ₹1 करोड़ तक का ऋण उपलब्ध करवा रही है। इसमें 25 लाख रुपये तक के ऋण पर 8% ब्याज सब्सिडी और 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 6% ब्याज सब्सिडी सात साल तक दी जाएगी। खास बात यह है कि इसके लिए किसी गारंटी या गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
मार्जिन मनी की विशेष सुविधा
योजना के तहत प्रारंभिक पूंजी जुटाने के लिए युवाओं को मार्जिन मनी सहायता भी दी जाएगी। सामान्य श्रेणी के युवाओं को 10% तक अधिकतम ₹5 लाख और SC-ST वर्ग के युवाओं को 15% तक अधिकतम ₹5 लाख की मदद मिलेगी। यह सहायता केवल तब मिलेगी जब नया उद्योग कम से कम तीन वर्ष लगातार संचालित हो।
उद्योग और वर्किंग कैपिटल की व्यवस्था
इस योजना में मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और ट्रेडिंग सेक्टर शामिल हैं। उद्योग स्थापना के लिए युवाओं को 75% तक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। परिवहन क्षेत्र में अधिकतम दो व्यावसायिक वाहनों तक की सीमा तय की गई है, जिनकी लागत 15 लाख रुपये तक हो सकती है।
मोरोटोरियम पीरियड से राहत
युवाओं को व्यवसाय स्थापित करने के लिए पर्याप्त समय देने के उद्देश्य से सरकार ने 6 महीने का मोरोटोरियम पीरियड निर्धारित किया है। इस दौरान उन्हें ऋण चुकाने का दबाव नहीं रहेगा, जिससे नए उद्यमियों को कारोबार खड़ा करने में आसानी होगी।
किन क्षेत्रों को रखा गया है बाहर
राजस्थान सरकार ने कुछ उद्योगों को इस योजना से बाहर रखा है। इनमें शराब, तंबाकू, पटाखे, पॉलीथिन उत्पाद, रियल एस्टेट, खनन और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं।
यह योजना न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि प्रदेश में नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में इसका लाभ हजारों युवाओं को मिलेगा।