भारत में डिजिटल लेन-देन को और तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार नए कदम उठा रहे हैं। इसी दिशा में अब आधार और बैंक अकाउंट को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से लिंक करना बेहद जरूरी हो गया है। इस प्रक्रिया से ग्राहकों के सभी लेन-देन बिना किसी रुकावट के पूरे होते हैं और सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे बैंक खाते में पहुंचते हैं।
NPCI आधार लिंक क्या होता है और यह क्यों जरूरी है?
जब कोई ग्राहक अपने बैंक खाते को आधार नंबर से जोड़ता है, तो बैंक उस जानकारी को जांचकर NPCI मैपर में दर्ज करता है। यही प्रक्रिया “NPCI Aadhaar Seeding” कहलाती है। इससे खाताधारक को सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, पेंशन, छात्रवृत्ति या किसी भी योजना का पैसा सीधे बैंक खाते में प्राप्त होता है। हाल ही में आरबीआई ने इसे अनिवार्य कर दिया है ताकि डिजिटल ट्रांजेक्शन और लाभ ट्रांसफर में किसी तरह की देरी या धोखाधड़ी की संभावना न रहे।
आधार और बैंक अकाउंट को NPCI से लिंक करने की प्रक्रिया
NPCI से आधार लिंक करने के लिए ग्राहक को अपने बैंक में जाकर फॉर्म जमा करना होता है। यह फॉर्म NPCI की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। वेबसाइट पर “What We Do” सेक्शन में जाकर “Nach” और फिर “FAQs on APBS for Customers” विकल्प चुना जाता है। वहां “Aadhaar Seeding Process” के तहत लिंक उपलब्ध होता है, जहां से आधार सीडिंग फॉर्म डाउनलोड किया जा सकता है।
फॉर्म भरने के बाद इसे संबंधित बैंक शाखा में जमा करना होता है। बैंक अधिकारी आवेदन को सत्यापित करते हैं और NPCI मैपर में ग्राहक का आधार नंबर लिंक कर देते हैं। पूरी प्रक्रिया पूरी होने के 2 से 3 कार्यदिवस में ग्राहक को SMS के जरिए इसकी पुष्टि मिल जाती है।
आधार लिंकिंग फॉर्म में किन जानकारियों की जरूरत होती है
आधार लिंकिंग फॉर्म में खाताधारक को अपनी शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जैसी जानकारियां भरनी होती हैं। यह जानकारी बैंक रिकॉर्ड से मिलान के बाद NPCI डेटाबेस में अपडेट की जाती है, जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी लाभ का भुगतान सीधे खाते में पहुंच सके।
आधार लिंकिंग की स्थिति कैसे जांचें
ग्राहक यह जांच सकते हैं कि उनका आधार नंबर NPCI से लिंक हुआ है या नहीं। इसके लिए UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर “My Aadhaar” सेक्शन में “Aadhaar Services” और फिर “Bank Seeding Status” विकल्प चुनना होता है। वहां आधार नंबर और OTP दर्ज करके लिंकिंग स्टेटस देखा जा सकता है।
इसके अलावा, मोबाइल से भी यह जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 9999*1# डायल कर आधार नंबर दर्ज करना होता है। कुछ ही क्षणों में स्क्रीन पर स्टेटस दिखाई देता है।
आधार और बैंक अकाउंट को NPCI से लिंक करने के फायदे
आधार को NPCI से लिंक करने के कई बड़े फायदे हैं। इससे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) जैसी योजनाओं के पैसे सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचते हैं। यह सिस्टम पारदर्शी है और धोखाधड़ी की संभावना को लगभग समाप्त कर देता है। इसके अलावा, यह डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूत बनाता है और हर ग्राहक को अपने लेन-देन पर पूर्ण नियंत्रण देता है।
DBT के लिए NPCI में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
अगर कोई संस्था या संगठन लाभार्थियों को सीधे खाते में राशि भेजना चाहता है, तो उसे NPCI प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करना होता है। इसके बाद वह लाभार्थियों को ऑनबोर्ड कर उनके आधार और बैंक अकाउंट की जानकारी जोड़ सकता है। सिस्टम अपने आप आधार और अकाउंट को मिलान कर राशि सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर कर देता है।
निष्कर्ष
NPCI से आधार लिंकिंग न केवल सरकारी योजनाओं के लाभ पाने का माध्यम है, बल्कि यह डिजिटल भुगतान प्रणाली की रीढ़ भी बन चुकी है। इससे बैंकिंग प्रक्रिया पारदर्शी होती है, लेन-देन सुरक्षित रहते हैं और ग्राहकों को किसी भी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ता। अगर आपने अब तक अपना आधार NPCI से लिंक नहीं किया है, तो यह सही समय है इसे पूरा करने का।