भारत सरकार और राज्य सरकारें समय-समय पर जमीन से जुड़े कानूनों में बदलाव करती रही हैं। इसी कड़ी में अब जमीन की रजिस्ट्री को लेकर नया नियम लागू कर दिया गया है। यह नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो पारिवारिक बंटवारे या नई खरीद के दौरान रजिस्ट्री कराने से बचते थे।
रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पहले से सस्ती
बिहार सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। पहले जहां लोग भारी शुल्क से बचने के लिए रजिस्ट्री नहीं करवाते थे, वहीं अब मात्र ₹100 के शुल्क पर रजिस्ट्री कराना संभव हो गया है। सरकार के इस कदम से आम लोगों को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलेगी और विवाद की स्थिति में भी रजिस्ट्री कानूनी प्रमाण के रूप में काम करेगी।
परिवार के सदस्यों की सूची अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत जमीन रजिस्ट्री कराने से पहले पारिवारिक सदस्यों की सूची निकालना जरूरी कर दिया गया है। इसके लिए आवेदक को अपने नजदीकी सर्किल ऑफिसर से यह सूची प्राप्त करनी होगी। इसी सूची के आधार पर परिवार के सदस्यों का नाम रजिस्ट्री में जोड़ा जाएगा। यह कदम पारिवारिक विवादों को कम करने में अहम साबित होगा।
दस्तावेजों का होगा सख्त वेरीफिकेशन
जमीन की रजिस्ट्री के लिए संबंधित रजिस्ट्री कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। सरकार ने साफ किया है कि रजिस्ट्री से पहले सभी कागजातों का सख्त वेरीफिकेशन किया जाएगा। सही और वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने पर ही रजिस्ट्री पूरी होगी। इस प्रक्रिया से फर्जीवाड़े और गलत रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।
विवाद रहित बंटवारे का आसान रास्ता
सरकार के इस नए नियम से अब जमीन का बंटवारा पहले से आसान हो जाएगा। रजिस्ट्री एक वैधानिक दस्तावेज के रूप में भूमि विवादों को सुलझाने में मदद करेगी। यदि परिवार में संपत्ति का बंटवारा करना हो तो रजिस्ट्री होने के बाद यह कानूनी रूप से मजबूत आधार प्रदान करेगी।
