महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिन योजना राज्य की महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बन चुकी है। अगस्त 2024 में मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब तक करीब 2.3 करोड़ महिलाएं इस योजना से जुड़ चुकी हैं और लगातार लाभ उठा रही हैं।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए नियम
सरकार ने हाल ही में योजना में कुछ नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का पालन सभी लाभार्थी महिलाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई महिला समय पर शर्तें पूरी नहीं करती है तो उसकी आगामी किस्तें रोकी जा सकती हैं। यह कदम योजना की पारदर्शिता और प्रबंधन को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
अनिवार्य ई-केवाईसी की प्रक्रिया
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब सभी महिलाओं के लिए ई-केवाईसी करवाना जरूरी होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और इसे आधार कार्ड तथा मोबाइल नंबर की मदद से पूरा किया जा सकता है। सरकार ने ई-केवाईसी के लिए सितंबर से अक्टूबर 2025 तक का समय तय किया है। तय समय सीमा में केवाईसी नहीं कराने पर महिलाओं की किस्तें रोक दी जाएंगी।
बैंक खाते से जुड़ी शर्तें
लाडकी बहिन योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलेगा जिनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की सुविधा सक्रिय होगी। इसके लिए आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का बैंक खाते से लिंक होना भी अनिवार्य है। सरकार का मानना है कि DBT से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और सहायता राशि सीधे वास्तविक लाभार्थी तक पहुंचेगी।
पात्रता और लाभ राशि
यह योजना विशेष रूप से महाराष्ट्र की मूल निवासी महिलाओं के लिए है। पात्र महिला की आयु 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। योजना के तहत हर महिला को प्रतिमाह ₹1500 की राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है। यह राशि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में मदद कर रही है।
ऑनलाइन केवाईसी करने की सरल विधि
ई-केवाईसी करने के लिए लाभार्थी को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आधार नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करना होगा। इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP आएगा, जिसे वेरिफाई करने पर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। सफल सत्यापन के बाद लाभार्थी चाहें तो इसका प्रिंटआउट भी ले सकती हैं।
दीर्घकालिक प्रभाव
लाडकी बहिन योजना महिलाओं को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं देती, बल्कि उन्हें सामाजिक और पारिवारिक रूप से भी सशक्त बनाती है। इस राशि का उपयोग महिलाएं बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं या छोटे व्यवसाय की शुरुआत में कर सकती हैं। योजना ने महिलाओं को घर और समाज में निर्णय लेने की शक्ति भी प्रदान की है।
नियमों का पालन न करने के परिणाम
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई महिला समय पर ई-केवाईसी नहीं कराती या बैंक खाते में DBT सुविधा सक्रिय नहीं करती है तो उसकी किस्त रोकी जा सकती है। हालांकि तकनीकी कारणों से यदि किसी का भुगतान अटकता है तो वह संबंधित कार्यालय से संपर्क करके समाधान कर सकती है। सरकार का उद्देश्य किसी पात्र महिला को वंचित करना नहीं, बल्कि वास्तविक लाभार्थियों तक ही सहायता पहुंचाना है।
आधिकारिक सूचना का महत्व
यह ध्यान रखना जरूरी है कि योजना से संबंधित सभी जानकारी समय-समय पर सरकार द्वारा बदली जा सकती है। इसलिए आवेदन करने या अपडेट की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लाभार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट ladakibahin.maharashtra.gov.in पर जाकर नवीनतम दिशानिर्देश देखें।
