तमिलनाडु के शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि अब राज्य में हर शिक्षक के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करना अनिवार्य होगा। आदेश के पालन के लिए राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अगले दो वर्षों में कम से कम छह टीईटी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। केवल उन शिक्षकों को छूट मिलेगी जिनकी सेवा अवधि पांच साल से कम शेष है।
टीईटी परीक्षा का तमिलनाडु में रिकॉर्ड
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की गाइडलाइन के अनुसार, हर राज्य को साल में कम से कम एक बार टीईटी आयोजित करनी चाहिए। तमिलनाडु में अब तक केवल सात बार ही यह परीक्षा कराई गई है, जिनमें छह नियमित और एक विशेष परीक्षा शामिल है। इस कम संख्या के कारण हजारों शिक्षक पात्रता परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं, जिससे उनकी नौकरी और पदोन्नति पर असर पड़ा है।
साल में तीन बार टीईटी कराने की योजना
शिक्षा विभाग ने स्थिति सुधारने के लिए नई रणनीति अपनाई है। अब हर साल कम से कम तीन बार टीईटी परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा का स्तर इस तरह से रखा जाएगा कि अधिक से अधिक शिक्षक इसे पास कर सकें। वर्तमान में राज्य में टीईटी पास प्रतिशत केवल 4.5% है, जिसे कम माना जा रहा है। सरकार का लक्ष्य अधिक शिक्षकों को योग्य बनाना और इस प्रतिशत को बढ़ाना है।
कार्यरत शिक्षकों के लिए विशेष परीक्षा की संभावना
राज्य सरकार पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए विशेष टीईटी परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रही है। हालांकि, इसमें कानूनी जटिलताएं हो सकती हैं। कई शिक्षक संगठन मानते हैं कि लंबे समय से पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए अचानक परीक्षा देना कठिन हो सकता है। यदि विशेष परीक्षा का विकल्प लागू किया जाता है तो यह उनके लिए राहत का कारण बन सकता है।
टीईटी परीक्षा की संरचना
टीईटी परीक्षा कुल 150 अंकों की होती है। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को न्यूनतम 60% यानी 90 अंक लाना अनिवार्य है, जबकि आरक्षित वर्गों को 5% की छूट मिलती है। परीक्षा में बाल विकास, शिक्षाशास्त्र, भाषा आधारित प्रश्न और विषय ज्ञान शामिल होते हैं। शिक्षक संगठन बताते हैं कि अधिकांश शिक्षकों को बाल विकास और शिक्षाशास्त्र वाले पेपर में कठिनाई होती है। इसलिए सरकार से मांग की जा रही है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों की मदद से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षक हलचल में
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तमिलनाडु के कई शिक्षकों ने हाल ही में अधिसूचित टीईटी परीक्षा के लिए आवेदन किया है। शिक्षा विभाग जिलों से उन शिक्षकों का डेटा जुटा रहा है जिन्होंने पहले से टीईटी पास कर रखी है। अगर दो साल में छह परीक्षाएं आयोजित हो जाती हैं, तो यह शिक्षकों की बड़ी समस्या को काफी हद तक हल कर देगा और पदोन्नति का रास्ता आसान करेगा।
शिक्षा गुणवत्ता सुधारने की दिशा में कदम
टीईटी को अनिवार्य बनाना राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और पेशेवर मानकों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। सरकार का उद्देश्य योग्य और पात्र शिक्षक ही कक्षा में पढ़ाएं ताकि शिक्षा का स्तर ऊँचा हो।
डिस्क्लेमर
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सरकारी आदेशों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि परीक्षा और पात्रता से जुड़ी आधिकारिक जानकारी के लिए शिक्षा विभाग की वेबसाइट और नोटिफिकेशन देखें।
