भारत में जमीन और संपत्ति से जुड़े लेन-देन में आए दिन फर्जीवाड़े और बेनामी संपत्तियों के मामले सामने आते रहे हैं। इन्हीं समस्याओं पर रोक लगाने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से जुड़े नए नियम (Property Registry New Rules 2025) लागू कर दिए हैं।
आधार और पैन कार्ड हुआ अनिवार्य
अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए खरीदार और विक्रेता दोनों को आधार कार्ड और पैन कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इस बदलाव से नकली पहचान और जाली दस्तावेजों पर आधारित लेन-देन पर रोक लगेगी। साथ ही बेनामी संपत्तियों की पहचान करना भी आसान हो जाएगा।
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से मिलेगी सुरक्षा
सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को जरूरी कर दिया है। इसमें अंगूठे के निशान और फोटो लिए जाएंगे और यह जानकारी सीधे आधार डेटाबेस से जुड़ी होगी। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि खरीदार और विक्रेता असली हैं और फर्जीवाड़े की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।
वीडियो रिकॉर्डिंग से बढ़ेगी पारदर्शिता
नए नियमों के अनुसार, अब रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। भविष्य में यदि किसी तरह का विवाद सामने आता है तो यह रिकॉर्डिंग सबूत के रूप में काम करेगी। यह बदलाव जबरन या धोखे से की जाने वाली रजिस्ट्री को रोकने में अहम साबित होगा।
ऑनलाइन भुगतान से सुरक्षित लेन-देन
अब जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े सभी शुल्क और टैक्स का भुगतान केवल ऑनलाइन ही होगा। इससे नकद लेन-देन की संभावना घटेगी और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। साथ ही यह कदम डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूती देगा और लोगों का समय तथा मेहनत दोनों बचाएगा।
रजिस्ट्री कैंसिलेशन के नए प्रावधान
सरकार ने रजिस्ट्री रद्द करने के लिए भी नए नियम लागू किए हैं। अधिकांश राज्यों में इसके लिए 90 दिन की समय सीमा तय की गई है। रजिस्ट्री केवल वैध कारणों जैसे अवैध प्रक्रिया, आर्थिक समस्या या पारिवारिक विवाद की स्थिति में ही रद्द की जा सकेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए तहसील कार्यालय और शहरी क्षेत्रों में निबंधन विभाग या नगर निगम से संपर्क करना होगा। कई राज्यों में ऑनलाइन कैंसिलेशन की सुविधा भी दी गई है।
रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेज
नए नियमों के तहत अब खरीदार और विक्रेता दोनों को कुछ अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण, बिक्री अनुबंध (Sale Agreement), भुगतान की रसीद और वैध पहचान पत्र शामिल हैं। यदि इनमें से कोई भी दस्तावेज अधूरा या गलत पाया गया तो रजिस्ट्री रद्द कर दी जाएगी।
नए नियमों से मिलने वाले फायदे
सरकार के इन बदलावों से कई फायदे होंगे। फर्जी रजिस्ट्री और बेनामी संपत्तियों पर रोक लगेगी, खरीदार और विक्रेता दोनों के अधिकार सुरक्षित होंगे और डिजिटल रिकॉर्ड व वीडियो के कारण विवाद की स्थिति में सबूत आसानी से उपलब्ध होंगे। सबसे अहम बात यह है कि पूरी प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा पारदर्शी और भरोसेमंद बनेगी।
सावधानियां जो आपको रखनी चाहिए
किसी भी प्रॉपर्टी लेन-देन से पहले सभी दस्तावेजों की पूरी तरह जांच करें और केवल सरकारी पोर्टल या अधिकृत निबंधन कार्यालय के माध्यम से ही प्रक्रिया पूरी करें। गलत जानकारी या अधूरे दस्तावेज देने से बचें, वरना रजिस्ट्री रद्द हो सकती है।
