प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक अहम निर्णय लिया गया है। स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि यानी पीएम स्वनिधि योजना को अब 2030 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले इस योजना की समयसीमा 31 दिसंबर 2024 तक थी, लेकिन अब इसे 31 मार्च 2030 तक लागू किया जाएगा। सरकार का यह कदम देशभर के रेहड़ी-पटरी और छोटे विक्रेताओं के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
क्या है पीएम स्वनिधि योजना?
यह योजना जून 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे दुकानदारों और स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक सहारा देना था ताकि वे दोबारा आत्मनिर्भर होकर अपना व्यवसाय चला सकें। अब तक इस योजना के अंतर्गत 7,332 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया जा चुका है और लगभग 1.5 करोड़ वेंडर्स को सीधा लाभ पहुंचाया गया है।
संशोधित योजना में बढ़ी लोन की सुविधा
सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाले लोन की राशि भी बढ़ा दी है। पहले चरण का लोन अब 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है। दूसरे चरण में वेंडर्स को 25,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी। वहीं तीसरे चरण में मिलने वाला 50,000 रुपये का लोन अब और आसान शर्तों के साथ उपलब्ध होगा। खास बात यह है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले वेंडर्स को 1,600 रुपये तक का कैशबैक भी मिलेगा।
डिजिटल सुविधा और ट्रेनिंग का लाभ
योजना के तहत वेंडर्स को केवल आर्थिक मदद ही नहीं बल्कि डिजिटल सशक्तिकरण का भी लाभ मिलेगा। उन्हें रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआई जैसे आधुनिक पेमेंट विकल्प दिए जाएंगे। साथ ही सरकार की ओर से डिजिटल स्किल डेवलपमेंट, मार्केटिंग और व्यवसायिक प्रशिक्षण मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। फूड वेंडर्स के लिए FSSAI की मदद से हाइजीन और फूड सेफ्टी की विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
अब तक का प्रभाव और आंकड़े
30 जून 2025 तक इस योजना के जरिए 68 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को 96 लाख से ज्यादा लोन वितरित किए जा चुके हैं। इसके लिए कुल 13,797 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है। इनमें से 42 लाख से अधिक वेंडर्स ने समय पर अपना लोन चुका दिया है। अब तक 557 करोड़ रुपये का कैशबैक और 6.09 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी भी वितरित की जा चुकी है। योजना की मदद से 46 लाख से अधिक वेंडर्स का क्रेडिट स्कोर बेहतर हुआ है और 241 लाख लोन आवेदन विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं।
